ईश्वर ने मुझ पर जो उत्तरदायित्व रखा है,
उसे मुझे निभाना है.
मेरा काम प्रजा को सुखी रखना है.
मैं अपने प्रत्येक काम के लिये जिम्मेदार हूँ.
सामर्थ्य व सत्ता के बल पर मैं यहाँ -
जो कुछ भी कर रही हूँ,
उसका ईश्वर के यहाँ मुझे जवाब देना होगा.
मेरा यहाँ कुछ भी नहीं है,
जिसका है उसीके पास भेजती हूँ.
जो कुछ लेती हूँ, वह मेरे उपर ऋण (कर्जा) है,
न जाने कैसे चुका पाऊँगी ।
- देवी अहिल्याबाई
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